एतिहासिक संदर्भ में योग

एतिहासिक संदर्भ में योग
सिंधु घाटी की सभ्यता प्राचीनतम सभ्यता है । 1921 -22 में पंजाब, राजस्थान व गुजरात में हड़पा व मोहन जोदड़ो की खुदाई में मिले अवशेषों से यह स्पष्ट होता है कि उस समय योग जीवन शैली का महत्व पूर्ण अंग था । खुदाई में प्राप्त ध्यान व अन्य योग क्रियाओं की मूर्तियाँ इस और इशारा करती है ।
सांख्य योग के प्रथम वक्ता कपिल ऋषि हैं जब कि योग के प्रथम वक्ता हिरण्यगर्भ हैं ।ऐसी मान्यता है कि हिरणयगर्भ कोई ऋषि थे जिन्होंने योग का प्रथम उपदेश दिया लेकिन उन्होंने कोई योग ग्रंथ की रचना नही की ।महऋषि पतंजलि को योग सूत्र का संकलन कर्ता कहा जाता है । पतंजलि योग सूत्र के समान कोई अन्य योग ग्रंथ प्राप्त नही हुआ जिस ने योग के व्यवस्थित स्वरूप को स्पष्ट किया हो ।
देस राज
भरतिया योग संस्थान

अन्तर्राष्ट्रीय महिला योग शक्ति दिवस समारोह 25 दिसंबर 2020

अन्तर्राष्ट्रीय महिला योग दिवस समारोह 25 दिसंबर 2020
भारतीय योग संस्थान रोहिणी के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला योग शक्ति दिवस समारोह 25 दिसंबर 2020 का कार्यक्रम संस्थान के यू ट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण द्वारा मनाया गया।
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण श्री देसराज जी द्वारा महिला रोग पर विशष वार्ता रही।
सम्पूर्ण भारतवर्ष की महिला साधिकाओं ने सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

Yog Darshan Samadhi Pada Yog Sutra 29 And 30

Yog Darshan Samadhi Pada Yog Sutra 29 And 30

Dhyan Shivir 117

देखें व सुने समाधि पाद योग सूत्र 29 एवं 30 की साधारण व्याख्या । विडीओ को शेयर कर निष्काम के भागीदार अवश्य बनें

Dehradoon Special Program By Shri Des Raj Ji

Dehradoon Special Program By Shri Des Raj Ji

18 नवम्बर को देहरादून में अधिकारियों व केंद्र प्रमुखों को प्राणायाम साधना व संगठन पक्ष पर संबोधित करते हुए महामंत्री देस राज जी