दो दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर – दिल्ली योगाश्रम में दिल्ली प्रांत -1

दिल्ली योगाश्रम में दिल्ली प्रांत -1 के केन्द्र प्रमुखो व उपकेन्द्र प्रमुखों के दो दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर में श्री देस राज जी व ललित कुमार जी के साथ शिक्षार्थी

भारतीय योग संस्थान द्वारा प्रथम विश्व ध्यान दिवस

प्रथम विश्व ध्यान दिवस की आप सभी को बहुत बहुत शुभ कामना । आज भारतीय योग संस्थान द्वारा दिल्ली योगाश्रम में प्रथम विश्व ध्यान साधना दिवस बहुत ही सफलता पूर्वक आयोजित किया गया जिस का सीधा प्रसारण यू ट्यूब चैनल से भी किया गया । कार्यक्रम से हजारों ध्यान प्रेमी लाभान्वित हुए ।
भारतीय योग संस्थान

58 वाँ अखिल भारतीय योग शिविर का आयोजन किया गया जिस में लगभग 480 अधिकारियों ने भाग लिया।

भारतीय योग संस्थान द्वारा जम्मू योगाश्रम मे तीन दिवसीय अखिल भारतीय योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।भारत वर्ष के सभी प्रांतों से आए हुए लगभग 480 अधिकारियों ने शिविर में भाग लिया।15 नवम्बर से17 नवम्बर तक चलने वाले इस शिविर का समय सुबह 5 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक रहा ।
प्रतिदिन सुबह ढाई घंटे की योग साधना में आसनों तथा प्राणायाम का अभ्यास कराया गया जिसमे साधना की बारीकियों के बारे मे समझाया गया।
अखिल भारतीय प्रधान माननीय श्री देसराज जी ने अपनी वार्ताओं में *प्राणायाम रहस्य,योग का उद्भव और प्रचार, नाड़ी विज्ञान, मुद्रा विज्ञान, तंत्रिका तंत्र, प्रतिरोधक प्रणाली तथा योगिक एनिमा का महत्व आदि विषयों को बहुत ही रोचक तथा सरलतापूर्वक ढंग से प्रस्तुत कर मानो गागर में सागर को भर दिया ।
इसके अतिरिक्त अखिल भारतीय मंत्री श्री ललित जी ने ईश्वर प्रणिधान, गहरे लम्बे श्वासों की उपयोगिता पर व्याख्यान करते हुए सभी साधकों का ज्ञानवर्धन किया।
केंद्रीय कार्यकरणी के सदस्य श्री वेद प्रकाश राठी जी की वार्ता *निष्कासन प्रणाली* बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक रही।
माननीय श्री देसराज जी द्वारा प्रश्न, ऊतर सत्र में साधकों की
शंकाओ का समाधान भी किया गया।इस बात पर भी बल दिया गया कि शुद्धि क्रियाओं तथा श्रेष्ठ भोजन के बिना योग अधूरा है।शिविर के दूसरे दिन सभी प्रांतों के प्रधानों ने अपने अपने प्रांत में साल भर मे हुई योग की सभी गतिविधियों के बारे में जानकरी दी तथा अगामी बर्ष मे खोले जाने वाले योग केंद्रों की संख्या बताई।इसके अतिरिक्त 2025 मे हड्डी रोगो को योग से ठीक करने के लिए रोग निवारण शिविर लगाने का भी निर्णय लिया गया।

एतिहासिक संदर्भ में योग

एतिहासिक संदर्भ में योग
सिंधु घाटी की सभ्यता प्राचीनतम सभ्यता है । 1921 -22 में पंजाब, राजस्थान व गुजरात में हड़पा व मोहन जोदड़ो की खुदाई में मिले अवशेषों से यह स्पष्ट होता है कि उस समय योग जीवन शैली का महत्व पूर्ण अंग था । खुदाई में प्राप्त ध्यान व अन्य योग क्रियाओं की मूर्तियाँ इस और इशारा करती है ।
सांख्य योग के प्रथम वक्ता कपिल ऋषि हैं जब कि योग के प्रथम वक्ता हिरण्यगर्भ हैं ।ऐसी मान्यता है कि हिरणयगर्भ कोई ऋषि थे जिन्होंने योग का प्रथम उपदेश दिया लेकिन उन्होंने कोई योग ग्रंथ की रचना नही की ।महऋषि पतंजलि को योग सूत्र का संकलन कर्ता कहा जाता है । पतंजलि योग सूत्र के समान कोई अन्य योग ग्रंथ प्राप्त नही हुआ जिस ने योग के व्यवस्थित स्वरूप को स्पष्ट किया हो ।
देस राज
भरतिया योग संस्थान